महमूद आलम
बाराबंकी-जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल पी. जी. कालेज, बाराबंकी में “ हिन्दी दिवस 2025“ पर एक संगोष्ठी कार्यक्रम को बहुत ही धूमधाम से मनाया गया। इस संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. (डॉ.) सीताराम सिंह ने कहा कि हिंदी स्वतंत्रता संग्राम की भाषा है । हिंदी भाषा से व्यक्ति की समझ विकसित होती है, व्यक्तित्व विकास में हिंदी महत्वपूर्ण स्थान रखती है । हिंदी को केवल विषय के रूप में नहीं बल्कि जीवन का हिस्सा बनाकर हम इसे राष्ट्र भाषा के रूप में स्थापित कर सकते हैं । मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफ़ेसर विजय कुमार वर्मा ने भाषा को धर्म से ज्यादा ताकतवर बताया जिसके आधार पर धार्मिक देश पाकिस्तान का बंटवारा हुआ। हिंदी दुनिया की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है बस उसमें आत्मसम्मान का भाव लाना जरूरी है। हिंदी भारत में लगभग 57 प्रतिशत लोगों के द्वारा बोली जाती है दूसरे नंबर पर बांग्ला है जिसका प्रतिशत 9 है ,तो हिंदी भाषी लोगों पर यह जिम्मेदारी है कि वह अपने बड़े होने का परिचय देते हुए देश की अन्य भाषाओं को आगे बढ़कर अपनायें ताकि उनमें हिंदी के प्रति सम्मान का भाव जागृत हो ।विशिष्ट वक्ता के रूप में प्रो. अमित कुमार ने दैनिक जीवन में हिंदी के प्रयोग पर बल दिया। दक्षिण में हिंदी का विरोध राजनीतिक कारणवश है, हिंदी संपर्क भाषा और बोलचाल की भाषा बन गई है उसे रोजगार की भाषा बनाने के लिए कुछ और कार्य करना बाकी है।कार्यक्रम का संचालन प्रो. कृष्णकांत चंद्रा ने वैश्विक परिदृश्य में हिंदी की स्थिति को स्पष्ट करते हुए किया । कार्यक्रम में प्रो. संतोष कुमार गौड़, डॉ. नीलम प्रभा ,डॉ. अभिषेक मौर्य, डॉ. लक्ष्मी देवी, डॉ. दीप्ति पोरवाल, श्री महेंद्र कुमार, श्री अंकित यादव, सुश्री कविता वर्मा सहित बड़ी संख्या में छात्र छात्राएँ उपस्थित रहे।
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