महमूद आलम
बाराबंकी-इमाम हसन अस्करी (अ) की याद में मातम,मजलिस का पुरसा, बारिश में बरसा हुसैनी जज़्बा
सवा दो महीने के अय्यामे अज़ा के आख़िरी दिन बाराबंकी की आठवीं बड़ी शान और शौकत के साथ मुनक़िद हुई। अस्करी नगर स्थित मौलाना गुलाम अस्करी हाल में अंजुमनों और अज़ादारों ने इमाम ज़माना (अ) को उनके शहीद वालिद इमाम हसन अस्करी (अ) का पुरसा पेश किया।
*मौलाना जिनान असगर मौलाई का पैग़ाम: "दोनों तरफ चलने वाले हुसैनी नहीं हो सकते"*
मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना जिनान असगर मौलाई ने कहा—
“हुसैनियत का रास्ता सिर्फ़ हक़ का रास्ता है। जो लोग दोनों तरफ चलकर यह कहते हैं कि हमसे क्या मतलब, न हमारी इनसे लड़ाई है, न उनसे....हक को नजर अंदाज करते है।ऐसे लोग हुसैनी नहीं हो सकते। हुसैनियत हमें हमेशा सच के साथ खड़े होने का दरस देती है।”
यह पैग़ाम सुनकर मौजूद अज़ादारों की आंखें नम हो गईं और दिलों में हुसैनी जज़्बा और मजबूत हो गया।
*हुसैनी सबील में पूर्व कैबिनेट मंत्री अरविंद सिंह गोप की शिरकत*
जुलूस के दौरान नेल्सन अस्पताल के पास पूर्व कैबिनेट मंत्री अरविंद सिंह गोप ने हुसैनी सबील का इंतज़ाम किया। सबील तकसीम करने के बाद वे पूरे जुलूस में अज़ादारों के साथ पैदल शामिल रहे। उनका यह अंदाज़ सबके दिलों को छू गया और लोगों ने इसे आपसी मोहब्बत और इंसानियत की मिसाल बताया।
*बारिश में भी गूंजा मातम और नौहा*
कानपुर की मशहूर अंजुमन सिपाहे मेहदी ने बारिश की परवाह किए बिना अपने मख़सूस अंदाज़ में नौहाख़्वानी करते हुए मातम किया। अंजुमन के साहबे बयाज जैगम साहब और काशिफ साहब ने अपने नौहख्वानी की।
बारिश की बूंदों के बीच उठती सिसकियां और "या हुसैन" की सदाएं माहौल को और भी दर्दनाक और रूहानी बना रही थीं। वही इस जुलूस में लखनऊ और माझनपुर की अंजुमन ने भी नौहख्वानी की।
*कर्बला में अलविदाई मजलिस*
कर्बला में बिहार से आए मौलाना अली अब्बास छपरावी ने जोशो-ख़रोश से मजलिस पढ़ी। इसके बाद मशहूर नौहाख़्वान अली मूसा ने अपने दर्द-भरे अंदाज़ में नौहाख़्वानी की। अलविदाई मजलिस को खतीबे अहलेबै़त सैयद अली अब्बास साहब ने खिताब किया और अज़ादारों को हक़ और सब्र का पैग़ाम दिया।
यह सिर्फ़ एक जुलूस नहीं था, बल्कि हुसैनियत का ज़िंदा पैग़ाम था—जहां हर अलम, हर मातम और हर आंसू ने दुनिया को यह याद दिलाया कि हक़ और इंसाफ़ के लिए शहीदाने कर्बला की कुर्बानी ही असल पहचान है।
अंत में प्रोग्राम के संयोजकों ने आए हुए सभी जायरीनों का शुक्रिया अदा किया।
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