महमूद आलम
*8 से 17 अक्टूबर तक होगा हजरत वारिस अली शाह का ऐतिहासिक देवा मेला*
*डीएम शशांक त्रिपाठी ने कहा — “समयबद्ध तरीके से करें दायित्वों का निर्वहन"*
बाराबंकी। आस्था, परंपरा और सद्भाव का प्रतीक देवा मेला-2025 अब अपने पूर्ण आयोजन की ओर बढ़ चुका है। देवा मेला 08 अक्टूबर से शुरू होकर 17 अक्टूबर तक चलने वाले इस वार्षिक मेले को लेकर जिला प्रशासन ने व्यापक तैयारियों का खाका तैयार कर लिया है। जिलाधिकारी एवं देवा मेला एवं प्रदर्शनी समिति के अध्यक्ष श्री शशांक त्रिपाठी ने आदेश जारी कर सभी संबंधित विभागों को स्पष्ट जिम्मेदारियां सौंप दीं, साथ ही मेले की सफलता के लिए टीम भावना से काम करने का आह्वान किया।
*प्रत्येक व्यवस्था पर अधिकारी तैनात*
डीएम द्वारा जारी आदेश के अनुसार, शांति-व्यवस्था, यातायात, पेयजल, सफाई, चिकित्सा, वीआईपी कैम्प, विद्युत आपूर्ति, सांस्कृतिक कार्यक्रम, स्मारिका प्रकाशन, प्रचार-प्रसार और मिशन शक्ति जैसे प्रमुख बिंदुओं की जिम्मेदारी संबंधित अधिकारियों को सौंपी गई है। सभी नोडल और सहायक नोडल अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। निर्देश दिया गया है कि मेले के दौरान किसी भी प्रकार की लापरवाही पर प्रतिकूल कार्रवाई की जाएगी।
*"टीम भावना से ही संभव होगी सफलता” — डीएम*
डीएम श्री शशांक त्रिपाठी ने कहा कि देवा मेला जिले की गौरवशाली परंपरा है, जो न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक एकता का भी प्रतीक है। उन्होंने कहा कि “यह हम सभी के लिए एक पुनीत अवसर है। सभी अधिकारी समयबद्ध और जिम्मेदारीपूर्वक अपने दायित्वों का निर्वहन करें। मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो, यही हमारी प्राथमिकता है।
*देवा में रोजाना होगी समीक्षा बैठक*
स्वच्छता, जलापूर्ति और विद्युत जैसी आवश्यक व्यवस्थाओं की निगरानी के लिए समितियों को निर्देश दिया गया है कि वे मेला प्रारंभ होने से तीन दिन पूर्व से लेकर समापन तक देवा में प्रतिदिन बैठक करें और किसी भी समस्या का तत्काल समाधान सुनिश्चित करें। इसके साथ ही, यदि किसी समिति को अतिरिक्त जनशक्ति या संसाधन की आवश्यकता हो, तो वे उचित प्रस्ताव जिलाधिकारी को भेज सकेंगे।
प्रशासन मैदान में, जनता को भरोसा
मेले की तैयारियों को लेकर जिला प्रशासन ने साफ कर दिया है कि इस बार कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। सुरक्षा से लेकर सफाई तक, हर व्यवस्था पर जिला प्रशासन की पैनी नजर रहेगी। अधिकारी स्वयं स्थल पर उपस्थित रहकर कार्यों की समीक्षा करेंगे ताकि इस वर्ष का देवा मेला यादगार और निर्विघ्न संपन्न हो सके।
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