नितेश मिश्रा
लीला विवरण: बालि वध
बाराबंकी: नगर की प्राचीन रामलीला में शबरी उद्धार, श्री राम हनुमान मिलन एवम बालि वध का सजीव मंचन किया गया,शबरी के बतलाए गए मार्ग का अनुसरण करते हुए प्रभु ऋष्यमूक पर्वत पंहुचने से पहले विप्ररूप में हनुमान से मिलते है, जिसके बाद हनुमान जी एवं राम का मिलन होता है, जीवात्मा सुग्रीव से परमात्मा राम की मित्रता हनुमान जी करवाते है।
अगले दृश्य में प्रभु राम के पूछने पर सुग्रीव ने पर्वत पर रहने का कारण बताया कि भाई बालि के द्वारा सुग्रीव का सर्वस्व हरने के बाद अब वह पर्वत पर ही निवासित है, सुग्रीव के द्वारा बतायी गयी बाते सुनते ही श्रीराम बालि से सुग्रीव को युद्ध के लिए कहते है, और मित्रता धर्म निभाते हुए बालि का वध कर देते है इस दौरान बालि की पत्नी तारा विलाप करती है, बालि अपने अंतिम समय में अपने पुत्र अंगद को प्रभु के हाथो सौंपने हुए कहता है कि प्रभु यह मेरा पुत्र मेरे ही समान बलवान है इस पर अपना आशीष बनाए रखिए, सफल मंचन देखने के लिए हजारों की भीड़ उमड़ी रही।
बालि के रूप में कार्तिक रस्तोगी एवम सुग्रीव के रूप में अर्श रस्तोगी ने भूमिका निभाई,लीला व्यास की मधुर वाणी में चौपाइयों के अनुसार लीला संपन्न कराई गई, इस दौरान अनिल अग्रवाल, रामलखन, शिवकुमार, संतोष सिंह, विनय सिंह, रमेश कुरील, सुधीर जैन अमर सिंह, प्रशांत सिंह,राजेश वर्मा, राकेश वर्मा आदि मौजूद रहे।
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